शाहजहांपुर: मुश्किल कुशा नेशनल सोसायटी द्वारा ईमान-ए-बेदार मुहिम के तहत दौलतपुर गांव में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष शेख मौलाना शाही ने की, जिसमें रमज़ानुल मुबारक महीने की फज़ीलतों और रोज़े के फायदे बताए गए।
शेख मौलाना शाही बहार-ए-आलम क़ादरी रज़वी ने कहा कि रमज़ान रहमत और बरकत का महीना है, जिसमें रोज़ा रखना हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है। उन्होंने कहा कि रोज़ा सिर्फ इबादत ही नहीं, बल्कि यह शरीर की हर बीमारी को खत्म करने और मानसिक शांति प्राप्त करने का बेहतरीन माध्यम है।
रोज़े के शारीरिक लाभ 🏥
✔ वजन घटाने में मदद करता है
✔ शरीर को डिटॉक्स करता है
✔ ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल करता है
✔ पाचन तंत्र को आराम देता है
✔ इम्यून सिस्टम मजबूत करता है
✔ दिल और दिमाग की सेहत सुधारता है
✔ नशे की लत छुड़ाने में सहायक
✔ शरीर की चर्बी कम करता है
✔ कब्ज़, गैस और एसिडिटी से राहत दिलाता है
रोज़े के आध्यात्मिक लाभ ✨
🕌 अल्लाह की इबादत में मन लगता है
❤️ सब्र और संयम की ताकत बढ़ती है
🤲 गुनाहों की माफी का जरिया बनता है
🤝 सामाजिक सहयोग और इंसानियत की भावना को बढ़ाता है
रोज़ा रखने से शरीर में क्या बदलाव आता है?
📌 पहले 10 दिनों में शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।
📌 16 से 30 दिनों के बीच शरीर पूरी तरह डिटॉक्स होकर स्वस्थ हो जाता है।
📌 दिमाग और याददाश्त तेज होती है, और मानसिक शांति मिलती है।
सोसायटी के सदस्य रेहान दानाई सहित सैकड़ों लोग इस बैठक में शामिल रहे। सोसायटी की ओर से रमज़ानुल मुबारक की फज़ीलतों को बढ़ाने के लिए विशेष पहल जारी है।
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